Property Rate Hike: नमस्ते दोस्तों! कल ही ऑफिस से लौटते वक्त ट्रेन में एक चाचा जी से गपशप हो गई। वो बोले – “बेटा, मुंबई में घर लेने का सोच रहे हैं, पर दादर-परेल तो अब आसमान छू रहे हैं। कहाँ देखें?” मैंने हँसते हुए कहा – “चाचा, अब कुर्ला, घाटकोपर या मुलुंड देखो! मेट्रो-हाईवे ने इनकी तकदीर बदल दी है।” वो चौंके और बोले – “सच में?” हाँ भाई, सच में! आज मुंबई रियल एस्टेट की ये नई कहानी आपके लिए खोल के रख रहा हूँ – जैसे घर की चाय के साथ पुरानी यादें ताजा कर रहा हूँ। चलो, सरल शब्दों में समझते हैं कि क्यों सेंट्रल सबर्ब्स अब घर खरीदारों का नया प्यार बन गए हैं। तैयार हो? शुरू करते हैं!
मुंबई रियल एस्टेट में क्यों हो रहा ये बड़ा शिफ्ट?
मुंबई को सपनों का शहर कहते हैं, लेकिन घर खरीदना अब सपना ही लगता है। पहले दादर, परेल जैसे सेंट्रल मुंबई इलाके थे हॉटस्पॉट – बॉम्बे का दिल तो कहलाते ही थे। पर अब? वो जादू फीका पड़ गया है।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि नवंबर 2025 में मुंबई में कुल 12,129 प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन हुए – ये 2013 के बाद का सबसे ज्यादा आंकड़ा है! लेकिन सेंट्रल मुंबई का मार्केट शेयर घटकर सिर्फ 6% रह गया। क्यों? क्योंकि वहाँ जगह की भारी किल्लत है, पुरानी इमारतें हैं, और कीमतें इतनी ऊँची कि आम आदमी का बजट फट जाता है।
दूसरी तरफ, सेंट्रल सबर्ब्स – मतलब कुर्ला से मुलुंड तक के इलाके – ने बाजी मार ली। इनकी हिस्सेदारी 29% हो गई! वेस्टर्न सबर्ब्स के साथ मिलाकर ये 85% रजिस्ट्रेशन कंट्रोल कर रहे हैं। घर खरीदारों की चॉइस बदल गई – अब वो भीड़भाड़ से दूर, हरी-भरी जगह, बड़े घर और सस्ते दाम चाहते हैं। मेरे एक दोस्त ने तो कुर्ला में फ्लैट लिया और बोला – “अब ट्रैफिक की टेंशन खत्म, मेट्रो से 20 मिनट में BKC पहुँच जाता हूँ!”
कनेक्टिविटी ने कैसे बदली सबकी तकदीर?
दोस्तों, असली हीरो तो इंफ्रास्ट्रक्चर है! मेट्रो नेटवर्क, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और सांताक्रूज-चेंबूर लिंक रोड (SCLR) ने इन इलाकों को दक्षिण मुंबई और बैंड्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से जोड़ दिया।
- कुर्ला: मेट्रो लाइन 1 और 2B से सीधा कनेक्शन। यहाँ 2 BHK फ्लैट 1.5-2 करोड़ में मिल जाता है। पहले ये इलाका भूला हुआ था, अब प्रोजेक्ट्स की भरमार!
- घाटकोपर: घाटकोपर-वर्सोवा मेट्रो लाइन से एंडheri और BKC बस 15-20 मिनट दूर। यहाँ मॉडर्न टाउनशिप्स आ रहे हैं, जहाँ पार्क, स्कूल और मॉल सब पास। कीमतें सेंट्रल मुंबई से 30-40% कम। मेरा कजिन यहाँ शिफ्ट हुआ, कहता है – “रोज़ सुबह वॉक पर हरी घास, शहर की भागदौड़ भूल गया!”
- मुलुंड: ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से ठाणे और नवी मुंबई कनेक्ट। यहाँ बड़े अपार्टमेंट्स (1000-2000 sq ft) 2-3 करोड़ में। फैमिली के लिए परफेक्ट – स्कूल, हॉस्पिटल सब पास। 2024 में ही यहाँ रजिस्ट्रेशन 33% बढ़े।
ये सब मिलाकर, यात्रा का समय आधा हो गया। पहले दादर से ऑफिस जाना घंटा भर लगता था, अब सबर्ब्स से 30 मिनट! नतीजा? घर खरीदार भागे चले आ रहे हैं।
बड़े घर, सस्ती कीमतें – और क्या चाहिए?
सेंट्रल मुंबई में 500 sq ft का छोटा सा फ्लैट 2 करोड़ का? बेकार! सबर्ब्स में वही पैसे में 1000 sq ft का बड़ा घर + बालकनी + पार्किंग। रिपोर्ट कहती है कि 500-1000 sq ft के यूनिट्स की डिमांड सबसे ज्यादा है – 84% रजिस्ट्रेशन इन्हीं के। बड़े घर (1000-2000 sq ft) का शेयर 13% हो गया, जो पहले 8% था।
क्यों? क्योंकि अब लोग स्पेस चाहते हैं – वर्क फ्रॉम होम के जमाने में! और कीमतें? दादर में प्रति sq ft 50-60 हजार, जबकि घाटकोपर में 30-40 हजार। सेंट्रल सबर्ब्स में मॉडर्न टाउनशिप्स आ रहे हैं – स्विमिंग पूल, जिम, क्लब हाउस सब शामिल। 2025 में तो ये ट्रेंड और तेज़ होगा, क्योंकि मेट्रो प्रोजेक्ट्स पूरे हो रहे हैं। हा हा, सोचो – पहले लोग कहते थे “मुंबई में जगह ही नहीं”, अब सबर्ब्स बोल रहे “आओ, जगह भरपूर है!”
घर खरीदने का सही टाइम है ये?
अगर आप भी सोच रहे हो, तो हाँ! लेकिन सलाह – लोकल एजेंट से मिलो, प्रोजेक्ट्स चेक करो। RERA रजिस्टर्ड ही लो। मेरी चाची ने मुलुंड में लिया, अब खुश हैं – “बच्चों को खेलने की जगह मिली, पहले फ्लैट में तो दीवारें ही दीवारें!” 2024 में मुंबई ने 1.41 लाख रजिस्ट्रेशन किए, 2025 में और बढ़ेंगे। सेंट्रल सबर्ब्स पहले टाइम बायर्स का फेवरेट बन चुके हैं।
निष्कर्ष
संक्षेप में, मुंबई रियल एस्टेट का नया चैप्टर सेंट्रल सबर्ब्स का है – कुर्ला, घाटकोपर, मुलुंड ने कनेक्टिविटी और सस्ते बड़े घरों से सबका दिल जीत लिया। दादर-परेल अब पुरानी यादें हैं। अगर घर लेने का मन है, तो इन इलाकों पर नज़र रखो – भविष्य यहीं बसने वाला है! क्या आप भी शिफ्ट करने का सोच रहे? कमेंट में बताओ, शायद मैं कोई टिप दे दूँ।





